BA Semester-5 Paper-2B Econimics - International Economics - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :224
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2775
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों को बताइये तथा यह बताइये कि इनकी माप किस प्रकार की जाती है?

अथवा
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभ और हानियों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।

 

सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न - अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों को बताइये।
अथवा
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख लाभों की विवेचना कीजिए।

उत्तर -

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभ
(Advantages of International Trade)

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के आर्थिक लाभ निम्नलिखित हैं-

1. श्रम विभाजन एवं विशिष्टीकरण के लाभ - अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आरम्भ हो जाने के पश्चात् दो देशों के मध्य भौगोलिक अथवा प्रादेशिक श्रम विभाजन सम्भव है। दोनों ही देश लाभदायक वस्तुओं की विशेषता प्राप्त कर लेते हैं अर्थात् प्रत्येक देश न्यूनतम लागत वाली वस्तुओं का व्यापार करता है। परिणामस्वरूप विश्व के सभी देशों में आसानी से उत्पादन होने लगता है, जिससे मानव जाति के कल्याण में मदद मिलती है। यह क्षेत्रीय विशिष्टीकरण का ही परिणाम है कि हम जिन वस्तुओं का महंगी लागत पर देश में उत्पादन कर पाते हैं, उन्हें हम कम कीमत पर विदेशों से आयात कर सकते हैं। श्रम विभाजन के कारण ही विभिन्न देश उन वस्तुओं का उत्पादन करते हैं, जिनमें उनकी लागत न्यूनतम होती है एवं उन्हें सर्वाधिक लाभ प्राप्त होता है। इस सम्बन्ध में प्रो. एल्सवर्थ ने लिखा है कि, "अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार देश की सीमा के बाहर का एक विस्तार मात्र है, यह विशिष्टीकरण और उससे उपलब्ध होने वाले लाभों के क्षेत्र को अधिक विस्तृत बना देता है।'

2. एकाधिकारों पर रोकथाम - अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सम्पन्न होने के कारण देश के अन्दर एकाधिकारी व्यवसायों को बढ़ावा नहीं मिल पाता है। इसका कारण यह है कि एकाधिकारी व्यवसायों को विदेशी व्यापार से भय व्याप्त रहता है। अतः यह कहा जा सकता है कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार एकाधिकारी व्यवसायों की रोकथाम करते हैं।

3. आर्थिक संकट में सहायता - ऐसी किसी देश पर जो अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में संलग्न हैं, के ऊपर यदि आर्थिक संकट आ जाता है तो वह देश अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से अपने ऊपर आये आर्थिक संकट का सामना कर सकता है। उदाहरण- यदि अमेरिका के ऊपर अकाल संकट आ जाता है 'तो वह भारत से अनाज आयात करके इस संकट से निपट सकता है।

4. उत्पादन रीतियों में सुधार - अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण स्वदेशी व्यापारियों को इस बात का हमेशा भय बना रहता है कि कहीं देश में विदेशी माल न छा जाये। अतः इस भय से व अपनी माल की तथा उत्पादन की रीतियों को सर्वश्रेष्ठ रखने का प्रयत्न करता है जिससे देश की आर्थिक व्यवस्था लाभान्वित होती है।

5. वस्तुओं का सस्ती कीमत पर उपलब्ध होना - अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण उपभोक्ताओं को वस्तुएं सस्ती कीमत पर उपलब्ध हो जाती हैं क्योंकि उपभोक्ता वस्तुओं को उस देश से खरीदेगा जहाँ पर वह वस्तु सस्ती होगी, इसके साथ-साथ जिन वस्तुओं का उत्पादन देश के अन्दर नहीं होता है उन वस्तुओं का क्रय भी विदेशों से कर लेता है। इस प्रकार उपभोक्ता के रहन-सहन के स्तर में वृद्धि होगी।

6. उपभोक्ताओं का उच्च जीवन स्तर - अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के फलस्वरूप उपभोक्ताओं को अच्छी एवं सस्ती वस्तुएँ उपलब्ध हो जाती हैं, वे अपनी सीमित आय से अधिक मात्रा में वस्तुओं का उपभोग कर सकते हैं तथा साथ ही साथ उन वस्तुओं का भी उपभोग कर सकते हैं जिनका उत्पादन उस देश में नहीं किया जाता है। इस प्रकार उनका जीवन स्तर भी ऊँचा हो जाता है।

7. औद्योगिक विकास - जिन देशों के पास अपने उद्योगों को चलाने के लिए कच्चे माल की कमी होती है, तो वे कच्चा माल विदेशों से आयात कर सकते हैं और यह तभी सम्भव है जबकि वे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार करते हों। इस प्रकार उनका औद्योगिक विकास हो सकता है। इस सम्बध में प्रो. जे. एस. मिल ने लिखा है कि, "विदेशी व्यापार एक ऐसे देश में जिसके संसाधन अविकसित अवस्था में हों. कभी-कभी औद्योगिक क्रान्ति का कारण बन जाता है।"

8. प्राकृतिक साधनों का समुचित उपयोग - अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के अन्तर्गत देश में केवल उन्हीं उद्योगों का विकास किया जाता है जिनके लिए प्राकृतिक दशायें अनुकूल रहती हैं। इस सम्बन्ध में बेस्टेबल ने लिखा है कि- "देश में उत्पादन शक्तियाँ देश के प्राकृतिक साधनों का स्वतन्त्रतापूर्वक उपयोग करती हैं जिससे अधिकतम लाभ की सम्भावना रहती है।"

9. राष्ट्रों का आर्थिक विकास - वर्तमान समय में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पिछड़े देशों के आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण कारण बन गया है। इस सम्बन्ध में मार्शल ने लिखा है कि- “राष्ट्रों की आर्थिक प्रगति का निर्धारण करने वाले कारण अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के अध्ययन के अन्तर्गत आते हैं।"

10. रोजगार में वृद्धि - क्षेत्रीय श्रम विभाजन अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार द्वारा ही सम्भव होता है, जिसके फलस्वरूप उत्पादन की मात्रा और रोजगार में वृद्धि होती है। विदेशी व्यापार से निर्यात उद्योगों के उत्पादन में वृद्धि होती है जहाँ पर श्रमिकों को अधिक रोजगार मिलता है। प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों का मानना है कि विदेशी व्यापार से ही अधिकतम रोजगार सम्भव है। इस सम्बन्ध में प्रो. केन्स ने लिखा है. कि, "स्वतन्त्र व्यापार से ही पूर्ण रोजगार सम्भव है। रोजगार वृद्धि इसलिए सम्भव होती है क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था पर विदेशी व्यापार का गुणक प्रभाव पड़ता है जिससे उत्पादन और रोजगार में वृद्धि होती है।'

11. विदेशी प्रतियोगिता से लाभ - अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के अन्तर्गत देश की फर्मों को विदेशी फर्मों से प्रतियोगिता करनी पडती है, जिसके कारण देश की फर्मों को अपनी उत्पादन व्यवस्था को आधुनिकीकरण एवं दुरुस्त रखना होता है। इसका एक प्रमुख लाभ यह भी होता है कि इन फर्मों एकाधिकार की सम्भावना नहीं पनपने पाती जिससे कीमते कम रहती हैं और उपभोक्ताओं को लाभ होता है।

12. देशों में पारस्परिक सहयोग - अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण विभिन्न देशों के मध्य पारस्परिक सहयोग और मैत्री भावना का विकास होता है, जिसके फलस्वरूप विश्व शान्ति स्थापित होती है। इस सम्बन्ध में किंडलबर्गर ने लिखा है कि, "बढ़ते हुए राष्ट्रवाद, बढ़ते हुए अन्तर्राष्ट्रीयवाद अथवा दोनों की बढ़ती हुई दुनिया में अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का ज्ञान समझौतों का महत्वपूर्ण साधन है।'

13. शिक्षाप्रद महत्व - जब विदेशी व्यापार विकसित देशों के सम्पर्क में आता है, तो वह शिक्षात्मक लाभ प्रदान करता है जो भौतिक वस्तुओं के प्रत्यक्ष आयात से अधिक महत्वूपर्ण होते हैं। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि विदेशी व्यापार ज्ञान को भी स्थानान्तरित करता है। विकास की प्रक्रिया में ज्ञान की कमी अन्य किसी भी तत्व की कमी से अधिक व्यापक रुकावट है। इस सम्बन्ध में प्रो. जे. एस. मिल ने कहा है कि, "विदेशी व्यापार एक देश के निवासियों में नवीन विचारों को जाग्रत कर तथा उनकी आदतों को बदलकर उनमें नवीन इच्छाओं, बड़ी आकांक्षाओं एवं दूरदर्शिता को जन्म देता हैं।"

"विदेशी व्यापार चूँकि निर्धन देशों को अपने से अधिक समृद्ध देशों की सफलताओं एवं असफलताओं से सीख लेने का अवसर प्रदान करता है, अतः विदेशी व्यापार उसके विकास की गति बढ़ाने में बहुत अधिक सहायता प्रदान कर सकता है।" -प्रो. मियर

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों को स्पष्ट करते हुए ओहलिन ने लिखा है कि, "अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार इसके बारे मंर परोक्ष प्रभाव बहुत

से व्यापारी देश में आर्थिक जीवन के मूल तत्व बदल जाते हैं

अधिक दीर्घकालीन होते हैं। यह सबसे अच्छी तरह तब हो सकता है जबकि हम इस बात पर विचार करें कि यदि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार न हुआ होता तो विश्व के लोगों की क्या दशा होती, पूँजी उपकरणों का क्या होता तथा वह अपनी वर्तमान स्थिति से कितने भिन्न हो सकते हैं।'

 

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय-सामग्री एवं क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री एवं क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का अर्थ व परिभाषा दीजिए तथा इसके विषय क्षेत्र व विषय-सामग्री का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र के अध्ययन की आवश्यकता क्यों पड़ी?
  5. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का क्या अर्थ है?
  6. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण कौन-कौन सी प्रमुख आर्थिक समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं?
  7. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से आप क्या समझते हैं? साथ ही यह भी स्पष्ट कीजिए कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार ने किन आर्थिक समस्याओं को जन्म दिया है?
  8. प्रश्न- 'अन्तरक्षेत्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का आर्थिक आधार श्रम विभाजन एवं विशिष्टीकरण है।' स्पष्ट कीजिए।
  9. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रभाव बताइये।
  10. प्रश्न- अन्तक्षेत्रीय व्यापार की प्रमुख विशेषताएँ कौन-सी हैं? अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार किस प्रकार अन्तर्क्षेत्रीय व्यापार से भिन्न है?
  11. प्रश्न- अन्तर्क्षेत्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में अन्तर बताइये।
  12. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का क्या अर्थ है? अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का क्या महत्व है?
  13. प्रश्न- विदेश व्यापार से क्या लाभ होते हैं?
  14. प्रश्न- विदेशी व्यापार से क्या-क्या हानि होती है?
  15. प्रश्न- आन्तरिक व्यापार व विदेशी व्यापार में क्या अन्तर है?
  16. प्रश्न- अन्तक्षेत्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में क्या समानताएँ है?
  17. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पर वणिकवादी विचारधारा का विश्लेषण कीजिए।
  18. प्रश्न- एडम स्मिथ के निरपेक्ष लाभ के सिद्धान्त का विश्लेषण कीजिए।
  19. प्रश्न- रिकार्डो का तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- एडम स्मिथ के लागतों के निरपेक्ष लाभ सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- क्या अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए पृथक सिद्धान्त की आवश्यकता है?
  22. प्रश्न- एडम स्मिथ के स्वतन्त्र व्यापार सिद्धान्त का प्रतिपादन कीजिए।
  23. प्रश्न- उन कारणों को स्पष्ट कीजिए जिससे तुलनात्मक लागत सिद्धान्त विकासशील देशों या अर्द्ध विकसित देशों में लागू नहीं होता है?
  24. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के तुलनात्मक लाभ के सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए कीजिए।
  25. प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त की मान्यतायें बताइये।
  26. प्रश्न- लागतों में अन्तर के प्रकार बताइये।
  27. प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  28. प्रश्न- तुलनात्मक लागत सिद्धान्त अर्द्ध-विकसित देशों में लागू क्यों नहीं होता?
  29. प्रश्न- क्या आनुभाविक जाँच से तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की सत्यता स्थापित की गयी है? स्पष्ट कीजिए।
  30. प्रश्न- मिल द्वारा प्रतिपादित अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यों के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  31. प्रश्न- व्यापार की शर्तों से क्या आशय है? व्यापार की शर्तों के प्रकार को समझाइये
  32. प्रश्न- व्यापार की शर्तों के प्रकार की व्याख्या कीजिए।
  33. प्रश्न- व्यापार की शर्तों को प्रभावित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- अर्द्धविकसित देशों की व्यापार की शर्तों के प्रतिकूल रहने के क्या कारण है? इनके सुधार हेतु सुझाव भी दीजिए।
  35. प्रश्न- अर्द्ध-विकसित देशों में व्यापार की शर्तों में सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
  36. प्रश्न- "व्यापार की शर्तें एवं आर्थिक विकास आपस में एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।" व्याख्या कीजिए।
  37. प्रश्न- व्यापार की शर्तें आर्थिक विकास को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
  38. प्रश्न- संरक्षण के लिए शिशु उद्योग तर्क का परीक्षण कीजिए।
  39. प्रश्न- व्यापार की शर्तों का महत्व समझाइये ।
  40. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर लागत सिद्धान्त की आलोचनात्मक समीक्षा व्याख्या कीजिए।
  41. प्रश्न- अवसर लागत का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- अवसर लागत सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइये।
  43. प्रश्न- स्थिर अवसर लागत के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
  44. प्रश्न- स्थिर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कब लाभप्रद होता है?
  45. प्रश्न- बढ़ती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
  46. प्रश्न- घटती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
  47. प्रश्न- अवसर सिद्धान्त किन मायनों में परम्परागत तुलनात्मक लागत सिद्धान्त से श्रेष्ठ है?
  48. प्रश्न- अवसर लागत सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  49. प्रश्न- वास्तविक लागत सिद्धान्त एवं अवसर लागत सिद्धान्त का तुलनात्मक विवेचन कीजिए।
  50. प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार की अवधारणा का विश्लेषण कीजिए।
  51. प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार के पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
  52. प्रश्न- स्वतन्त्र एवं संरक्षण व्यापार में अन्तर लिखिये। स्वतंत्र व्यापार के गुण व दोष बताइये।
  53. प्रश्न- व्यापार संरक्षण नीति किसे कहते हैं? संरक्षण व्यापार से लाभ व हानियाँ बताइए।
  54. प्रश्न- अल्पविकसित या विकासशील या गरीब देशों में संरक्षण व्यापार की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक ब्लॉक से क्या आशय है? इसके विकास का सिद्धान्त उद्देश्य तथा प्रकारों को समझाइये।
  56. प्रश्न- व्यापारिक ब्लॉक की उत्पत्ति का सिद्धान्त समझाइए।
  57. प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के उद्देश्य तथा प्रकार बताइए।
  58. प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के लाभ व दोष समझाइए।
  59. प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के दोष / कमियाँ बताइए।
  60. प्रश्न- सीमा संघ के स्थैतिक तथा प्रावैगिक प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  61. प्रश्न- सीमा संघ के प्रावैगिक प्रभाव कौन-कौन से होते हैं?
  62. प्रश्न- एसियान क्षेत्रों की प्रगति पर टिप्पणी लिखिए।
  63. प्रश्न- ब्रिक्स (BRICS) से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- भारत, ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच (IBSA) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  65. प्रश्न- दक्षिण एशियाई अधिमान व्यापार ठहराव का क्या है? इसका औचित्य व प्रगति बताइये।
  66. प्रश्न- एशियाई क्षेत्र में सीमा शुल्क संघ बनाने में क्या समस्याएँ हैं?
  67. प्रश्न- भुगतान सन्तुलन से क्या आशय है? भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- पूँजी खाता परिवर्तनशीलता क्या है? इसको लागू करने की पूर्व शर्तें क्या हैं?
  70. प्रश्न- "भुगतान सन्तुलन सदैव सन्तुलन में रहता है।' विवेचना कीजिए।
  71. प्रश्न- भुगतान संतुलन के समायोजन तन्त्र का वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- भुगतान असन्तुलन के क्या परिणाम होते हैं?
  73. प्रश्न- भुगतान असन्तुलन के कारणों को समझाइये।
  74. प्रश्न- मार्शल-लर्नर शर्त (Marshall - Lerner Condition) का वर्णन कीजिए।
  75. प्रश्न- भुगतान सन्तुलन व व्यापार सन्तुलन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  76. प्रश्न- तुलनात्मक लागत का हैक्सचर-ओहलिन सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  77. प्रश्न- हेक्सचर-ओहलिन सिद्धान्त की मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के परम्परावादी सिद्धान्त व हेक्सचर ओहलिन सिद्धान्त की तुलना कीजिए।
  79. प्रश्न- हेक्सचर-ओहलिन के सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  80. प्रश्न- तकनीकी अन्तराल सिद्धान्त (Technological Gap Model ) का विश्लेषण कीजिए।
  81. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों को बताइये तथा यह बताइये कि इनकी माप किस प्रकार की जाती है?
  82. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की हानियों को बताइये।
  83. प्रश्न- लियोनतीफ का विरोधाभास क्या है? बताइये।
  84. प्रश्न- रिब्जन्सकी प्रमेय की व्याख्या कीजिए।
  85. प्रश्न- निर्धनताकारी विकास को समझाइए।
  86. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का पाल कुग्रमैन सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना तथा उद्देश्य बताइये।
  88. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्य बताइये।
  89. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यों की विवेचना कीजिए।
  90. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख उपलब्धियों तथा असफलताओं का वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक की कार्यप्रणाली की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
  92. प्रश्न- विश्व बैंक के कार्यों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  93. प्रश्न- विश्व बैंक के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- विश्व बैंक की सफलतायें या प्रगति बताइये।
  95. प्रश्न- विश्व बैंक की असफलतायें बताइये।
  96. प्रश्न- एशियन विकास बैंक की कार्यप्रणाली समझाइये ।
  97. प्रश्न- एशियाई विकास बैंक के मुख्य उद्देश्य बताइये।
  98. प्रश्न- एशियाई विकास बैंक की सदस्यता पूँजी व प्रबन्ध को बताइये।
  99. प्रश्न- "विश्व बैंक की स्थापना अर्द्धविकसित देशों के लिये वरदान है।' स्पष्ट कीजिए।
  100. प्रश्न- विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
  101. प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  102. प्रश्न- भारत तथा विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
  103. प्रश्न- 'तटकर एवं व्यापार समझौते' (गैट) पर एक लेख लिखिए।
  104. प्रश्न- व्यापार एवं प्रशुल्क पर हुए सामान्य समझौते (GATT) के प्रमुख उद्देश्य कौन-कौन से हैं?
  105. प्रश्न- गैट के मौलिक सिद्धान्त क्या थे?
  106. प्रश्न- गैट के प्रमुख कार्य बताइये।
  107. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है? इसके प्रमुख उद्देश्यों को बताइये।
  108. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य बताइये।
  109. प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाले सम्भावित लाभों एवं हानियों का विवेचन कीजिए।
  110. प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाली सम्भावित हानियों को बताइए।
  111. प्रश्न- अन्य विकासशील देशों के संदर्भ में भारत की स्थिति बताइये।
  112. प्रश्न- विकासशील देशों के दृष्टिकोण से विश्व व्यापार संगठन समझौते की व्याख्या कीजिए।
  113. प्रश्न- भारत को अंकटाड से होने वाले लाभों की व्याख्या कीजिए।
  114. प्रश्न- भारतीय अर्थव्यवस्था पर भूमण्डलीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों को इंगित कीजिए।
  115. प्रश्न- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से आप क्या समझते हैं? प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सन्दर्भ में सरकार द्वारा बनाए गए नीतियों का उल्लेख कीजिए?
  116. प्रश्न- गैट तथा अर्द्ध-विकसित राष्ट्रों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  117. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के समझौते बताइये।
  118. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन का संगठनात्मक ढाँचा प्रस्तुत कीजिए।
  119. प्रश्न- बौद्धिक सम्पदा अधिकार से आप क्या समझते हैं?
  120. प्रश्न- "विश्व व्यापार संगठन गैट (GATT) की तुलना में कहीं अधिक विस्तृत एवं व्यापक वैधानिक अधिकार वाला संगठन है।' विवेचना कीजिए।
  121. प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित बौद्धिक सम्पदा अधिकार (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
  122. प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित उपाय (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
  123. प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार से आप क्या समझते हैं? विश्व व्यापार संगठन ने इस सम्बन्ध में क्या भूमिका निभायी है?
  124. प्रश्न- 'बहुपक्षीय मुद्दे तथा विश्व व्यापार संगठन' को स्पष्ट कीजिए।
  125. प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की विवेचना कीजिए।
  126. प्रश्न- अंकटाड के उद्देश्य एवं स्वीकृत सिद्धान्तों को बताइये।
  127. प्रश्न- अंकटाड के कार्य बताइये।
  128. प्रश्न- दसवें अंकटाड पर टिप्पणी लिखिए।
  129. प्रश्न- विदेशी व्यापार में विविधता लाने की दृष्टि से अंकटाड की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  130. प्रश्न- उत्तर-दक्षिण व्यापार संवाद क्या है?
  131. प्रश्न- दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Coorperation) से आप क्या समझते हैं?
  132. प्रश्न- विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से आप क्या समझते हैं? यह एफडीआई से कैसे सम्बद्ध है?
  133. प्रश्न- विदेशी पूँजी किसे कहते हैं?
  134. प्रश्न- अभ्यंश से आप क्या समझते हैं? आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रकारों को बताइये।
  135. प्रश्न- आयात अभ्यंशों के विभिन्न प्रकार बताइये।
  136. प्रश्न- आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
  137. प्रश्न- आयांत अभ्यंश के उद्देश्य बताइये।
  138. प्रश्न- अभ्यंश प्रणाली के पक्ष में तर्क दीजिए।
  139. प्रश्न- प्रभावी संरक्षण पर टिप्पणी।
  140. प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से आप क्या समझते हैं?
  141. प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से लाभ बताइये।
  142. प्रश्न- आयाल अभ्यंश एवं प्रशुल्क की तुलना कीजिए।
  143. प्रश्न- राशिपातन के स्वभाव एवं उसके विभिन्न रूपों की विवेचना कीजिए।
  144. प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार से आप क्या समझते हैं? इसके पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
  145. प्रश्न- विदेशों में कम मूल्य पर बेचने की नीति से आप क्या समझते हैं?
  146. प्रश्न- प्रशुल्क के प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
  147. प्रश्न- गैर-प्रशुल्क बाधाएँ (Non-tariff Barriers) किसे कहते हैं? इनके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  148. प्रश्न- प्रशुल्क का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  149. प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध से क्या आशय है?
  150. प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध को चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
  151. प्रश्न- भारत सरकार की प्रशुल्क नीतियाँ।
  152. प्रश्न- "अनुकूलतम प्रशुल्क की धारणा यह बताती है कि प्रशुल्क कितनी मात्रा में लगाये जायें ताकि देश का अधिकतम कल्याण हो।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
  153. प्रश्न- अनुकूलतम प्रशुल्क तथा कल्याण निहितार्थ पर टिप्पणी लिखिए।
  154. प्रश्न- विदेशी विनिमय बाजार के कार्यों का विवरण दीजिए।
  155. प्रश्न- विनिमय दर क्या है? विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाने वाले विभिन्न घटकों का विवेचन कीजिए।
  156. प्रश्न- विनिमय दर को प्रकाशित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
  157. प्रश्न- विदेशी विनिमय दर को प्रभावित करने वाले उन घटकों का वर्णन कीजिए जो विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाते हैं।
  158. प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?
  159. प्रश्न- क्रय शक्ति समता सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
  160. प्रश्न- टकसाल दर समता सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं?
  161. प्रश्न- विनिमय नियोजन क्या है? भारत में विनिमय नियन्त्रण के क्या उद्देश्य हैं? इस दिशा में भारत सरकार ने हाल के वर्षों में क्या किया है?
  162. प्रश्न- विनिमय नियंत्रण की विधियों का वर्णन कीजिए।
  163. प्रश्न- विनिमय नियन्त्रण की अप्रत्यक्ष विधियों को समझाइये ।
  164. प्रश्न- वैश्विक वित्तीय संकट का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  165. प्रश्न- विनिमय नियंत्रण के उद्देश्यों को बताइये।
  166. प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दरों के पक्ष में तर्क दीजिए।
  167. प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दर के विपक्ष में तर्क दीजिए।
  168. प्रश्न- अग्रिम विनिमय तथा तैयार सौदों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  169. प्रश्न- हेजिंग (Hedging) से आप क्या समझते हैं?
  170. प्रश्न- अन्तर्पणन क्रियाएँ क्या हैं?
  171. प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?

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